भारत ने “पृथ्वी‑2” एवं “अग्नि‑1” मिसाइलों का सफल परीक्षण किया-
भारत ने 17 जुलाई 2025 को पृथ्वी-2 और अग्नि-1 बैलेस्टिक मिसाइलों का सफल परिक्षण किया। पृथ्वी‑2 का परीक्षण चांदीपुर (चंद्रपुर) स्तिथ इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) और अग्नि‑1 का परिक्षण एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से इन दो मिसाइलों का सफल परीक्षण किए। यह परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड द्वारा संपन्न किए गए, और सभी तकनीकी एवं ऑपरेशनल मापदंडों को पूर्ण रूप से पूरा किया गया। पृथ्वी-2 और अग्नि-1 मिसाइलें भारत की स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है जिन्हे रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है
मिसाइलों की विशेषताएँ:-
पृथ्वी‑2 (Prithvi-II)
- श्रेणी: लिक्विड फ्यूल सिंगल‑स्टेज, सतह‑से‑सतह
- रेंज: 250–350 किमी नवीनतम परीक्षण में 350 किमी क्षमता साबित
- वारहेड क्षमता: 500 किग्रा, परमाणु एवं पारंपरिक दोनों
अग्नि‑1 (Agni-I)
- श्रेणी: सॉलिड फ्यूल आधारित, छोटे-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल
- रेंज: 700–900 किमी
- वारहेड क्षमता: लगभग 1000 किग्रा, परमाणु व पारंपरिक दोनों
मिसाइल | रेंज (किमी) | ईंधन प्रकार | वारहेड क्षमता | परीक्षण तिथि |
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पृथ्वी‑2 | 250–350 | लिक्विड फ्यूल | 500 किग्रा | 17 जुलाई 2025 |
अग्नि‑1 | 700–900 | सॉलिड फ्यूल | 1000 किग्रा | 17 जुलाई 2025 |
निष्कर्ष:-
भारत के पृथ्वी‑2 और अग्नि‑1 मिसाइलों के रात्रि परीक्षणों ने उसकी सामरिक क्षमताओं, बेहतरीन तकनीकी विश्वसनीयता और सामरिक निरोधक नीति को मजबूती प्रदान की है। साथ ही, रक्षा तैयारियों में वृद्धि और आकाश‑प्राइम जैसी सिस्टम्स के साथ पैराडाइम का विस्तार देश की रक्षा रणनीति को और परिष्कृत बनाता है।
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